Hanuman Ashtak Ka Path हनुमान अष्टक का पाठ

Hanuman Ashtak Ka Path हनुमान अष्टक पाठ 2024

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Hanuman Ashtak Ka Path क्या है?

Hanuman Ashtak Ka Path एक अद्वितीय और शक्तिशाली भक्ति स्तोत्र है, जिसे भक्तगण भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने के लिए गाते हैं। इस पाठ में आठ छंद होते हैं, जिनमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी स्तुति की जाती है। यह पाठ तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा की तरह ही प्रसिद्ध है और इसे दैनिक रूप से पढ़ने से अद्वितीय लाभ होते हैं।

Hanuman Ashtak हनुमान अष्टक

Hanuman Ashtak
Hanuman Ashtak

वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सुर।
राम लक्ष्मण जानकी, हृदय बसहु सुर पूर॥

लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सुर॥

रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।
महाबीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन वरण विराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

शंकर सुवन केसरी नन्दन, तेज प्रताप महा जग वन्दन।
विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया।
सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज सँवारे।
लाय सजीवन लखन जियाये, श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई।
सहस बदन तुम्हरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावे॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद शारद सहित अहीसा।
यम कुबेर दिगपाल जहाँते, कबी कोबिद कहि सके कहाँते॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा।
तुम्हरो मन्त्र विभीषण माना, लंकेश्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही, जलधि लाँघि गये अचरज नाही॥

दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।
राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।
आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक तें काँपै॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै।
नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै, सोइ अमित जीवन फल पावै।
चारों युग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥

साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा।
तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥

अन्त काल रघुवर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई।
और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥

संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
जै जै जै हनुमान गोसाई, कृपा करहु गुरुदेव की नाई॥

जो शत बार पाठ कर कोई, छूटहिं बंदि महा सुख होई।
जो यह पढ़ै हनुमान अष्टक, सदा भवत दुःख बिसरनस्तक॥

हनुमान चालीसा हिंदी में

Hanuman Ashtak Ka Path हनुमान अष्टक का पाठ, हनुमान चालीसा हिंदी में
Hanuman Ashtak Ka Path हनुमान अष्टक का पाठ, हनुमान चालीसा हिंदी में

आध्यात्मिक महत्व और दिव्य कृपा से भरपूर एक कालातीत भजन, हनुमान चालीसा के गहन छंदों का हिंदी में अन्वेषण करें। अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का अनुभव करने के लिए पवित्र पाठ में गोता लगाएँ।

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हनुमान अष्टक का महत्व

हनुमान अष्टक का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह पाठ भक्तों को साहस, बल और आत्मविश्वास प्रदान करता है, जिससे वे अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं। हनुमान जी की कृपा से भक्तों को सभी संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

हनुमान अष्टक का अर्थ और भावार्थ

हनुमान अष्टक के प्रत्येक छंद में भगवान हनुमान की महिमा और उनके गुणों का वर्णन किया गया है। इन छंदों में भक्तगण हनुमान जी से अपने जीवन में आने वाली समस्याओं के समाधान की प्रार्थना करते हैं। इसका पाठ करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति और संतोष की अनुभूति होती है।

हनुमान अष्टक की उत्पत्ति और इतिहास

हनुमान अष्टक की उत्पत्ति का श्रेय महान संत तुलसीदास जी को दिया जाता है। उन्होंने इसे भगवान हनुमान की आराधना और उनकी अनंत शक्तियों का वर्णन करने के लिए रचा। यह माना जाता है कि तुलसीदास जी ने इस पाठ को तब लिखा था जब वे अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान काशी में थे।

हनुमान अष्टक की संरचना

हनुमान अष्टक में आठ छंद होते हैं, जिन्हें “अष्टक” कहा जाता है। हर छंद में भगवान हनुमान के किसी विशेष गुण या शक्ति का वर्णन होता है। इसमें उनके बल, वीरता, भक्ति, ज्ञान और संकटमोचन स्वरूप का उल्लेख किया गया है। हर छंद का पाठ करने से भक्तों के मन में भगवान हनुमान के प्रति श्रद्धा और भक्ति की भावना बढ़ती है।

Hanuman Ashtak Ka Path कैसे करें?

Hanuman Ashtak Ka Path करने के लिए कुछ विशेष नियम और विधियाँ होती हैं। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। पाठ शुरू करने से पहले भगवान हनुमान की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और उन्हें फूल अर्पित करें। इसके बाद हनुमान अष्टक का पाठ करें। इसे करने से पूर्व स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।

हनुमान अष्टक पाठ के लाभ

हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। यह पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है। इसके अलावा, यह पाठ करने से भक्तों को भय और अशांति से मुक्ति मिलती है।

हनुमान अष्टक के प्रमुख श्लोक और उनका महत्व

हनुमान अष्टक के प्रमुख श्लोकों में भगवान हनुमान की महानता का वर्णन किया गया है। इन श्लोकों का पाठ करने से भक्तगण भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करते हैं और उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इनमें से कुछ प्रमुख श्लोक निम्नलिखित हैं:

  • जय हनुमान ज्ञान गुन सागर: इस श्लोक में भगवान हनुमान के ज्ञान और गुणों की प्रशंसा की गई है।
  • जय कपीश तिहुँ लोक उजागर: इस श्लोक में भगवान हनुमान की प्रसिद्धि और उनकी शक्ति का वर्णन किया गया है।
  • राम दूत अतुलित बल धामा: इस श्लोक में भगवान हनुमान के रामदूत होने और उनकी अतुलनीय शक्ति का उल्लेख किया गया है।

हनुमान अष्टक और हनुमान चालीसा में अंतर

हनुमान अष्टक और हनुमान चालीसा दोनों ही भगवान हनुमान की स्तुति के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन दोनों में कुछ अंतर भी हैं। हनुमान चालीसा में चालीस छंद होते हैं, जबकि हनुमान अष्टक में केवल आठ छंद होते हैं। हनुमान चालीसा तुलसीदास जी द्वारा रचित है, जबकि हनुमान अष्टक का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है।

Hanuman Ashtak Ka Path कब करें?

Hanuman Ashtak Ka Path किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन इसे करने का सबसे उत्तम समय ब्रह्ममुहूर्त माना जाता है। इस समय पाठ करने से भक्तों को अधिक लाभ मिलता है। इसके अलावा, मंगलवार और शनिवार को हनुमान अष्टक का पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

हनुमान अष्टक और भक्तों के अनुभव

कई भक्तों ने हनुमान अष्टक के पाठ से अपने जीवन में अद्वितीय परिवर्तन का अनुभव किया है। वे बताते हैं कि इस पाठ ने उन्हें मानसिक शांति, साहस और आत्मविश्वास प्रदान किया है। कई भक्तों का कहना है कि हनुमान अष्टक का पाठ करने से उनकी सभी समस्याएं और संकट समाप्त हो गए।

हनुमान अष्टक के धार्मिक महत्व

हनुमान अष्टक का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह पाठ भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह पाठ भक्तों को धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है और उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

हनुमान अष्टक के पाठ के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

हनुमान अष्टक का पाठ करते समय भक्तों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। पाठ के दौरान मन को शांत और एकाग्र रखें। भगवान हनुमान की तस्वीर के सामने बैठकर पाठ करें और पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान का स्मरण करें।

Hanuman Ashtak Ka Pathऔर आध्यात्मिकता

Hanuman Ashtak Ka Path एक आध्यात्मिक अनुभव है। यह पाठ भक्तों को आत्मा की शांति और संतोष की अनुभूति कराता है। इसके अलावा, यह पाठ भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में प्रेरित करता है और उन्हें भगवान के निकट लाता है।

हनुमान अष्टक का प्रभाव और उसकी शक्ति

हनुमान अष्टक का प्रभाव अत्यधिक होता है। इसका पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यह पाठ भक्तों को सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं से मुक्ति दिलाता है और उन्हें जीवन में सफल होने की प्रेरणा देता है।

हनुमान अष्टक का पाठ और जीवन में सकारात्मकता

हनुमान अष्टक का पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। यह पाठ नकारात्मक विचारों को दूर करता है और व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचारों का संचार करता है। इसके अलावा, यह पाठ व्यक्ति के जीवन में शांति और संतोष की भावना को बढ़ाता है।

Hanuman Ashtak Ka Path और मानसिक स्वास्थ्य

हनुमान अष्टक का पाठ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। इसका पाठ करने से मानसिक तनाव दूर होता है और व्यक्ति के मन को शांति मिलती है। इसके अलावा, यह पाठ मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।

हनुमान अष्टक का पाठ और शारीरिक स्वास्थ्य

Hanuman Ashtak Ka Path शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। इसका पाठ करने से व्यक्ति को शारीरिक रूप से भी लाभ मिलता है। यह पाठ शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखता है।

Hanuman Ashtak Ka Path और भक्ति मार्ग

हनुमान अष्टक का पाठ भक्ति मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पाठ भक्तों को भगवान हनुमान की भक्ति में लीन होने की प्रेरणा देता है। इसके अलावा, यह पाठ भक्तों को भगवान के प्रति उनकी भक्ति को मजबूत करता है और उन्हें भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

हनुमान अष्टक का पाठ और ध्यान

हनुमान अष्टक का पाठ ध्यान का एक उत्तम साधन है। इसका पाठ करने से मन को शांति और एकाग्रता मिलती है। इसके अलावा, यह पाठ भक्तों को ध्यान की उच्च अवस्था में ले जाता है और उन्हें आत्मा की शांति का अनुभव कराता है।

FAQs on Hanuman Ashtak Ka Path हनुमान अष्टक का पाठ

FAQs on Hanuman Ashtak Ka Path
FAQs on Hanuman Ashtak Ka Path
  1. Hanuman Ashtak Ka Path कब करना चाहिए?

    Hanuman Ashtak Ka Path किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन ब्रह्ममुहूर्त, मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

  2. हनुमान अष्टक का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

    हनुमान अष्टक का पाठ दिन में एक बार करना पर्याप्त होता है, लेकिन अधिक लाभ के लिए इसे अधिक बार भी किया जा सकता है।

  3. क्या हनुमान अष्टक का पाठ केवल पुरुष ही कर सकते हैं?

    नहीं, हनुमान अष्टक का पाठ किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला।

  4. क्या हनुमान अष्टक का पाठ करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है?

    हाँ, हनुमान अष्टक का पाठ करने से सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

  5. क्या हनुमान अष्टक का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है?

    हाँ, हनुमान अष्टक का पाठ करने से मानसिक शांति और संतोष की अनुभूति होती है।

  6. हनुमान अष्टक का पाठ करने का क्या लाभ है?

    हनुमान अष्टक का पाठ करने से मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

निष्कर्ष – Hanuman Ashtak Ka Path

हनुमान अष्टक का पाठ एक शक्तिशाली और प्रभावी साधन है, जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। इसका पाठ करने से भक्तों को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति मिलती है। इसके अलावा, यह पाठ भक्तों को जीवन में सकारात्मकता लाने और सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। इसलिए, सभी भक्तों को हनुमान अष्टक का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करनी चाहिए।