Bhagavad Gita Quotes in Hindi | Karma, Motivational & 50+

Are you looking for profound Bhagavad Gita quotes in Hindi that can inspire and guide you in life? The Bhagavad Gita, a timeless spiritual text, offers wisdom on karma, dharma, devotion, and self-realization. Each verse is a treasure trove of insight, providing clarity and direction in the face of life’s challenges. In this post, I’ve compiled 50 powerful quotes categorized under key themes like action, knowledge, devotion, and liberation—each translated into English for deeper understanding. Let these teachings illuminate your path and bring peace to your mind.

Karma Quotes (Action and Duty) – Bhagavad Gita Quotes in Hindi

  1. कर्म का अधिकार
    कर्म करने में तेरा अधिकार है, फल में कभी नहीं।
    You have the right to perform your duties, but you are not entitled to the fruits of your actions.
    (अध्याय 2, श्लोक 47)

  2. निष्काम कर्म
    बिना फल की चिंता किए कर्म कर, क्योंकि यही तेरा धर्म है।
    Perform your duties without being attached to the results, for this is your true duty.
    (अध्याय 2, श्लोक 48)

  3. कर्तव्य पर अडिग रहो
    अपने निर्धारित कार्यों को करने में संकोच मत करो।
    Do not hesitate in performing your assigned duties.
    (अध्याय 3, श्लोक 8)

  4. कर्म ही पूजा है
    मनुष्य का जन्म केवल कर्म करने के लिए हुआ है।
    A human is born only to perform their duties.
    (अध्याय 3, श्लोक 16)

  5. आत्मा का हितैषी कर्म
    कर्म से ही मनुष्य आत्मा का सच्चा हितैषी बनता है।
    Through actions, one becomes the true well-wisher of their soul.
    (अध्याय 6, श्लोक 5)

Jnana Quotes (Knowledge and Wisdom) Bhagavad Gita Quotes in Hindi

  1. ज्ञान का महत्व
    जैसे अग्नि लकड़ी को जला देती है, वैसे ही ज्ञान कर्मों के फल को भस्म कर देता है।
    As fire reduces wood to ashes, so does knowledge burn away karma.
    (अध्याय 4, श्लोक 37)

  2. ज्ञान ही शुद्धि है
    ज्ञान से बढ़कर इस संसार में कुछ भी शुद्ध नहीं है।
    Nothing is as purifying in this world as knowledge.
    (अध्याय 4, श्लोक 38)

  3. संदेह का विनाश
    ज्ञान से संदेह को समाप्त कर, योग के द्वारा आत्मा से जुड़।
    Destroy doubt through knowledge and connect with the soul through yoga.
    (अध्याय 4, श्लोक 39)

  4. ज्ञानी व्यक्ति का दृष्टिकोण
    ज्ञानी व्यक्ति सबको समान दृष्टि से देखता है।
    A wise person views all beings equally.
    (अध्याय 5, श्लोक 18)

  5. ज्ञान योग का महत्व
    जो ज्ञान में स्थिर है, वह न सुख से हर्षित होता है, न दुःख से दुखी।
    One who is established in wisdom is neither elated by happiness nor depressed by sorrow.
    (अध्याय 2, श्लोक 56)

Bhakti Quotes (Devotion and Surrender) from Bhagavad Gita In Hindi

  1. भक्ति का पथ
    जो मेरे प्रति प्रेम करता है, वह मुझे प्राप्त कर लेता है।
    Those who love me, attain me.
    (अध्याय 8, श्लोक 22)

  2. पूर्ण समर्पण
    सर्व धर्मों को छोड़कर मेरी शरण में आ जा।
    Abandon all forms of dharma and surrender unto me.
    (अध्याय 18, श्लोक 66)

  3. अनन्य भक्ति
    जो अनन्य भक्ति से मेरी पूजा करता है, मैं उसे जल्दी ही मुक्त कर देता हूँ।
    I quickly deliver those who worship me with undivided devotion.
    (अध्याय 12, श्लोक 7)

  4. भक्त का लक्षण
    जो मुझे प्रेम से जल और फूल चढ़ाता है, वह मेरा प्रिय है।
    One who offers me water and flowers with love is dear to me.
    (अध्याय 9, श्लोक 26)

  5. भक्त का अंतर्मन
    मेरा भक्त किसी से द्वेष नहीं करता और सबके प्रति प्रेमपूर्ण होता है।
    My devotee harbors no ill will and is loving towards all.
    (अध्याय 12, श्लोक 13)

Atman Quotes (Soul and Self) Bhagavad Gita Quotes in Hindi

  1. आत्मा अमर है
    आत्मा का न कभी जन्म होता है, न मृत्यु।
    The soul is never born, nor does it ever die.
    (अध्याय 2, श्लोक 20)

  2. आत्मा अविनाशी है
    हथियार इसे काट नहीं सकते, अग्नि इसे जला नहीं सकती।
    Weapons cannot cut it, fire cannot burn it.
    (अध्याय 2, श्लोक 23)

  3. आत्मा का ज्ञान
    जो आत्मा को जान लेता है, वही सच्चा ज्ञानी है।
    He who knows the soul is the true wise one.
    (अध्याय 2, श्लोक 29)

  4. आत्मा अजर-अमर है
    आत्मा न पुरानी होती है और न ही नष्ट होती है।
    The soul neither grows old nor perishes.
    (अध्याय 2, श्लोक 22)

  5. आत्मा स्थायी है
    शरीर के नाश होने पर भी आत्मा का नाश नहीं होता।
    Even when the body perishes, the soul remains intact.
    (अध्याय 2, श्लोक 13)

Yoga Quotes (Union and Discipline) from Bhagavad Gita In Hindi

Yoga Quotes From Bhagavad Gita in Hindi
Yoga Quotes From Bhagavad Gita in Hindi
  1. योग का महत्व
    योग कर्मों में कुशलता है।
    Yoga is the skill in actions.
    (अध्याय 2, श्लोक 50)

  2. समता का योग
    सिद्धि और असिद्धि में समान भाव रखना ही योग है।
    Maintaining equanimity in success and failure is yoga.
    (अध्याय 2, श्लोक 48)

  3. ध्यान योग
    जो व्यक्ति ध्यान में लीन होता है, वही सच्चा योगी है।
    One who is absorbed in meditation is the true yogi.
    (अध्याय 6, श्लोक 15)

  4. मित्र और शत्रु में समानता
    सच्चा योगी वही है जो मित्र और शत्रु को समान दृष्टि से देखता है।
    A true yogi sees both friend and enemy equally.
    (अध्याय 6, श्लोक 9)

  5. संतोष का योग
    संतोष और संयम से युक्त मनुष्य ही योग में स्थिर होता है।
    A person with contentment and self-control is established in yoga.
    (अध्याय 6, श्लोक 16)

Dharma Quotes (Righteousness and Duty) Bhagavad Gita Quotes in Hindi

  1. धर्म का पालन
    स्वधर्म में मरना भी श्रेयस्कर है, पराए धर्म में जीवन भी भयकारी है।
    It is better to die in one’s own duty than to live by another’s duty, which brings fear.
    (अध्याय 3, श्लोक 35)

  2. धर्म की रक्षा
    जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब मैं अवतार लेता हूँ।
    Whenever there is a decline in righteousness, I incarnate myself.
    (अध्याय 4, श्लोक 7)

  3. धर्म का उद्देश्य
    धर्म की स्थापना के लिए मैं युगों-युगों से आता हूँ।
    I come into being from age to age to protect dharma.
    (अध्याय 4, श्लोक 8)

  4. धर्म में स्थिरता
    जो अपने धर्म में स्थिर रहता है, वही श्रेष्ठ है।
    One who remains steadfast in their duty is supreme.
    (अध्याय 2, श्लोक 31)

  5. निष्कपट धर्म
    धर्म वह है जो मनुष्य को अहंकार और कपट से मुक्त करता है।
    Righteousness is that which liberates man from ego and deceit.
    (अध्याय 16, श्लोक 1-3)

Maya Quotes (Illusion and Material World) from Bhagavad Gita In Hindi

  1. माया का जाल
    यह माया मेरी दिव्य शक्ति से उत्पन्न हुई है, इसे पार करना कठिन है।
    This illusion is born of my divine energy, and it is difficult to overcome.
    (अध्याय 7, श्लोक 14)

  2. मोह का त्याग
    मोह से मुक्त होकर अपने कर्तव्य का पालन कर।
    Abandoning attachment, fulfill your duties.
    (अध्याय 3, श्लोक 25)

  3. माया और सत्य
    जो इस माया को समझता है, वही सत्य को जानता है।
    One who understands this illusion knows the truth.
    (अध्याय 7, श्लोक 15)

  4. मोह से बंधन
    मोह ही मनुष्य को संसार के बंधन में बांधता है।
    Attachment binds man to the world.
    (अध्याय 2, श्लोक 62-63)

  5. मोह का अंत
    मोह के अंत से ही ज्ञान का प्रकाश होता है।
    Only the end of attachment brings the light of knowledge.
    (अध्याय 4, श्लोक 10)

Shraddha Quotes (Faith and Devotion) Bhagavad Gita Quotes in Hindi

  1. श्रद्धा का महत्व
    जो श्रद्धा के साथ भक्ति करता है, वही मुझे प्राप्त करता है।
    Those who worship with faith attain me.
    (अध्याय 9, श्लोक 22)

  2. श्रद्धा से सफलता
    श्रद्धा से युक्त होकर जो भी कर्म करता है, वह सफल होता है।
    Those who act with faith achieve success.
    (अध्याय 17, श्लोक 3)

  3. भक्ति में श्रद्धा
    केवल श्रद्धा से युक्त व्यक्ति ही मेरी भक्ति कर सकता है।
    Only those with faith can truly worship me.
    (अध्याय 9, श्लोक 3)

  4. श्रद्धा और ज्ञान
    श्रद्धालु व्यक्ति को ही ज्ञान की प्राप्ति होती है।
    Only the faithful attain knowledge.
    (अध्याय 4, श्लोक 39)

  5. श्रद्धा से मोक्ष
    जो श्रद्धा से भक्ति करता है, वह मोक्ष को प्राप्त करता है।
    Those who worship with faith attain liberation.
    (अध्याय 12, श्लोक 6-7)

More Quotes from Bhagavad Gita In Hindi

  1. जो व्यक्ति अपनी इंद्रियों को वश में कर लेता है, वही सच्चा योगी है।
    (अध्याय 6, श्लोक 5)

  2. जिसका मन मुझमें अडिग रहता है, वह मुझे पाता है।
    (अध्याय 9, श्लोक 22)

  3. जो मनुष्य शरीर से स्वस्थ है, वही सब कुछ पा सकता है।
    (अध्याय 6, श्लोक 16-17)

  4. जो सत्य को जानता है, वह किसी भी भय से मुक्त होता है।
    (अध्याय 4, श्लोक 35)

  5. माया मेरी शक्ति है, जिसे पार करना बहुत कठिन है।
    (अध्याय 7, श्लोक 14)

  6. किसी भी कार्य में मन, वचन और शरीर से श्रद्धा रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
    (अध्याय 17, श्लोक 3)

  7. जो व्यक्ति बिना किसी इच्छाओं के अपने कर्तव्य को करता है, वही सच्चा योगी है।
    (अध्याय 5, श्लोक 10)

  8. जो व्यक्ति सुख और दुख में समान रहता है, वह सच्चा ज्ञानी है।
    (अध्याय 2, श्लोक 15)

  9. स्वधर्म में रहकर जो कर्म करता है, वही सब कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।
    (अध्याय 3, श्लोक 35)

  10. जो सत्य के मार्ग पर चलता है, वही अंतिम मोक्ष को प्राप्त करता है।
    (अध्याय 9, श्लोक 31)

Profound Aspects of Life Through Bhagavad Gita Quotes in Hindi

Bhagavad Gita quotes in Hindi
Bhagavad Gita quotes in Hindi
AspectDescriptionExample Quote
Karma (Action)Focuses on performing duties without attachment to the results.“कर्म करने में तेरा अधिकार है, फल में कभी नहीं।” (अध्याय 2, श्लोक 47)
Jnana (Knowledge)Emphasizes the importance of self-awareness and wisdom in overcoming ignorance.“ज्ञान से बढ़कर इस संसार में कुछ भी शुद्ध नहीं है।” (अध्याय 4, श्लोक 38)
Bhakti (Devotion)Highlights the significance of love and surrender to the Divine.“जो मेरे प्रति प्रेम करता है, वह मुझे प्राप्त कर लेता है।” (अध्याय 8, श्लोक 22)
Atman (Soul)Explores the immortality and eternal nature of the soul.“आत्मा का न कभी जन्म होता है, न मृत्यु।” (अध्याय 2, श्लोक 20)
Yoga (Discipline)Encourages balance, meditation, and control over the mind and senses.“योग कर्मों में कुशलता है।” (अध्याय 2, श्लोक 50)
Dharma (Righteousness)Stresses the importance of adhering to one’s duty and moral obligations.“स्वधर्म में मरना भी श्रेयस्कर है।” (अध्याय 3, श्लोक 35)
Maya (Illusion)Warns about the deceptive nature of the material world and attachment.“यह माया मेरी दिव्य शक्ति से उत्पन्न हुई है।” (अध्याय 7, श्लोक 14)
Shraddha (Faith)Explains how unwavering faith leads to spiritual success and liberation.“श्रद्धा से युक्त होकर जो भी कर्म करता है, वह सफल होता है।” (अध्याय 17, श्लोक 3)
Sanyam (Self-Control)Focuses on mastering the mind and senses to attain true peace.“जो अपनी इंद्रियों को वश में कर लेता है, वही सच्चा योगी है।” (अध्याय 6, श्लोक 5)
Moksha (Liberation)Describes the path to freedom from the cycle of birth and death through knowledge and surrender.“जो मेरी शरण में आता है, वह मोक्ष प्राप्त करता है।” (अध्याय 18, श्लोक 66)
SourceThe quotes are sourced from the Bhagavad Gita, a sacred Hindu scripture.Visit Hanumanchalisain.com to discover the finest quotes.

Conclusion on Bhagavad Gita Quotes in Hindi

In conclusion, Bhagavad Gita quotes in Hindi offer profound wisdom that can guide you through life’s challenges and help you find inner peace. These timeless teachings on karma, dharma, self-realization, and devotion are not just philosophical concepts but practical tools to live a balanced and purposeful life. By embracing the wisdom of the Gita, you can cultivate mindfulness, develop strength in adversity, and attain spiritual growth. Let these teachings inspire you to live with greater clarity, devotion, and peace.

FAQs on Bhagavad Gita Quotes in Hindi

FAQs on Bhagavad Gita Quotes in Hindi
FAQs on Bhagavad Gita Quotes in Hindi
  1. What is the main message of Bhagavad Gita?

    The main message of the Bhagavad Gita is to live according to one’s duty (dharma) without attachment to the results, focus on self-realization, and seek divine wisdom for peace and happiness.

  2. Why are Bhagavad Gita quotes so important?

    Bhagavad Gita quotes are important because they offer timeless wisdom on life, duty, self-control, and spirituality. They guide individuals to lead a balanced and meaningful life.

  3. Can Bhagavad Gita quotes help in personal growth?

    Yes, Bhagavad Gita quotes encourage self-discipline, mindfulness, and devotion, which play a vital role in personal growth. They help you overcome challenges and live with purpose.

  4. How do Bhagavad Gita quotes relate to everyday life?

    Bhagavad Gita quotes teach practical lessons on handling emotions, making decisions, managing stress, and dealing with failures, making them highly relevant in daily life.

  5. Are the teachings of Bhagavad Gita applicable to everyone?

    Yes, the teachings of Bhagavad Gita are universal and can be applied by people from all walks of life, regardless of religion or background, for achieving inner peace and spiritual growth.