हनुमान जी के भजन लिखित में 2024

हनुमान जी के भजन एक आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत हैं, जो भक्तों को आस्था और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। हनुमान जी की भक्ति से संकटों का नाश होता है और जीवन में शांति का वास होता है। यहां पर हम हनुमान जी के कुछ प्रमुख भजनों का संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं।

हनुमान जी के भजन के महत्व

हनुमान जी के भजन भक्तों के लिए आध्यात्मिक उत्थान का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। ये भजन न केवल भगवान हनुमान की महिमा का बखान करते हैं, बल्कि उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्टों को दूर करने का वचन भी देते हैं।


हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा, हनुमान जी के भजन में से एक अत्यधिक प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसे पढ़ने से संकटों का नाश होता है और मानसिक शांति मिलती है। यह चालीसा भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करती है और उनकी कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ साधन है।

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज संवारे॥

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥

तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाँक ते कापै॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै॥

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोय अमित जीवन फल पावै॥

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥

साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥

अंत काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥

जो शत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा॥

पवन तनय संकट हरन,
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित,
हृदय बसहु सुर भूप॥


हनुमान आरती

हनुमान आरती एक महत्वपूर्ण हनुमान जी के भजन है, जिसे गाने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी के भजन में यह आरती विशेष रूप से भक्तों के मन में शांति और भक्ति का संचार करती है।

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥

दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥

लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥

लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥

पैठि पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥

सुर-नर मुनि जन आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारे॥

कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥

जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसी बैकुंठ परम पद पावे॥


संकट मोचन हनुमान अष्टक


संकट मोचन हनुमान अष्टक, हनुमान जी के भजन का एक अंश है, जिसे गाने से जीवन की सभी कठिनाइयों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह अष्टक भक्तों को साहस और शक्ति प्रदान करता है, जिससे वे अपने जीवन में सभी संकटों का सामना कर सकें।

बाल समय रवि भक्षि लियो तब,
तीनहुँ लोक भयो अंधियारो।
ताहि सत्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो॥

देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहीं जानत है जग में,
कपि संकट मोचन नाम तिहारो॥

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि,
जा पर स्याम वज्र को भारो।
अति घबराय गयो मन ही मन,
यह संकट काहु सों जात न टारो॥

राम का काज किन्हें बिनु,
मोहिं कहाँ विश्राम।
यह संकट काहु सों जात न टारो,
संकट मोचन नाम तिहारो॥

लाय सजीवन लखन पर,
जब कृपा करिहो प्रभु अपारो।
को नहीं जानत है जग में,
कपि संकट मोचन नाम तिहारो॥


हनुमान जी के जयकार

बोलो हनुमान जी महाराज की जय!
बोलो पवन पुत्र हनुमान की जय!
बोलो संकट मोचन हनुमान की जय!


हनुमान जी के भजन लिखित में PDF

हनुमान जी के भजन लिखित में PDF
हनुमान जी के भजन लिखित में PDF

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मंगलवार को हनुमान जी के भजन पढ़ने के फायदे

मंगलवार को हनुमान जी के भजन पढ़ने के फायदे
मंगलवार को हनुमान जी के भजन पढ़ने के फायदे

मंगलवार को हनुमान जी के भजन पढ़ने के कई फायदे होते हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी के भजन सुनने और पढ़ने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विशेष रूप से मंगलवार को हनुमान जी के भजन पढ़ने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और कठिन परिस्थितियों में धैर्य और साहस बढ़ता है। यह दिन संकटों को दूर करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि मंगलवार को हनुमान जी के भजन पढ़ने के फायदे क्या हैं क्लिक करें।

FAQ on हनुमान जी के भजन

FAQ on हनुमान जी के भजन
FAQ on हनुमान जी के भजन

निष्कर्ष – हनुमान जी के भजन

हनुमान जी के भजन भक्तों के लिए एक अनमोल धरोहर हैं। ये भजन हमें जीवन के सभी कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति और साहस प्रदान करते हैं। हनुमान जी की भक्ति से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। उनकी कृपा से हर संकट का समाधान संभव है। हनुमान जी के भजन हमारे जीवन को आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्रदान करते हैं।

हनुमान जी के भजन कौन से हैं?

हनुमान जी के भजन में हनुमान चालीसा, हनुमान आरती, और संकट मोचन हनुमान अष्टक प्रमुख हैं। ये भजन भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत हैं।

हनुमान चालीसा का महत्व क्या है?

हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन है और इसे पढ़ने से भक्तों को मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह भजन भक्तों के जीवन में सुख और शांति लाता है।

हनुमान जी की आरती कब की जाती है?

हनुमान जी की आरती प्रातःकाल और संध्या काल में की जाती है। यह आरती भक्तों को दिन भर की ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती है।

संकट मोचन हनुमान अष्टक का क्या महत्व है?

संकट मोचन हनुमान अष्टक में भगवान हनुमान की शक्ति और उनके द्वारा किए गए चमत्कारों का वर्णन है। इसे पढ़ने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।

हनुमान जी के भजन कैसे प्रभावी होते हैं?

हनुमान जी के भजन मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होते हैं। इन्हें नियमित रूप से गाने या सुनने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

हनुमान जी की भक्ति से क्या लाभ होते हैं?

हनुमान जी की भक्ति से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है, और भक्तों के जीवन में सुख-शांति और सफलता आती है। हनुमान जी की कृपा से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।